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एंड्रोराएड और iOS के बारे में जरूरी बातें।



ऑपरेटिंग सिस्टम कैसे काम करता है।

जो एक उपकरण का प्रबंधन करती है। इसमें अधिकतर एक तरह के बहुत सारे निर्देश होते है। जिसे केवल मोबाइल पढ सकता है। इस निर्देशों की एक बड़ी सी फाइल कह सकते है। जिसमें उपकरण के लिए अगल अगल निर्देश लिखे होते है। और इसी निर्देशो का उपयोग स्मार्ट फोन द्वारा किया जाता है।



एंडोराइड का इतिहास

इसकी शुरुआत साल 2003 में इसके एंडीरूबीन ने एंडोराइड Inc  नामक कम्पनी में की थी। जिसे साल 2005 में गूगल ने इस कम्पनी को खरीद लिया था। बाद में एंडोराइड ऑपरेटिंग सिस्टम को विकसित करने के लिए ऐंडी रूबीन को इसका हेड बना दिया।



गूगल को यह तकनीक बहुत ही पसंद आई थी। जिसकी help से एक पावर फुल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना चाहती थीं। Google ने साल 2007 में इसे लांच कर दिया गया। इसके बाद साल 2008 में HTC कंपनी ने मार्केट में अपना फ़ोन लांच की। जो की एंडोराइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित फ़ोन था।इस पर लोगो का काफी अच्छारिस्पॉन्स मिला । इसके बाद एंडोराइड के बहुत से वर्ज़न लॉन्च किए गए। हालाकी बाद में 2013 में ऐंडी रूबीन ने गूगल को अपने दुसरे किसी प्रोजेक्ट के लिए छोड़ दिया। बाद में फिर भारतीय व्यक्ति सुंदर पिचाई को  एंडोराइड का हेड बना दिया। और आज एंडोराइड कितना फेमस हम सभी जानते ही है। 

एंडोराइड के फेचर्स

यूजर इंटरफेस यानी एक ऐसा इंटरफेस जिसे लोग आसानी से समझ और चलाने में  आसान है। जो बिना किसी एरर के बढ़िया प्रस्तुति देता है।



मल्टी टास्किंग इसका अर्थ है कि हम एक समय में काफी सारे काम कर सकते है। जेसे वीडियो देखना, गाना सुनना और उसके साथ ही किसी को टेक्स्ट मैसेज करना आदि।

एप्लीकेशन एंडोराइड एक ओपन फ्री और ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है। कोई भी प्रोगेमर इसके कोड को देख सकता है। इससे प्रोग्रामर को एप्लीकेशन बनाने और डेवलप करने में हेल्प मिलती है।


एंडोराइड वर्जन

 इसके काफी सारे वर्जन लॉन्च किए गए जो एक के बाद एक बेहतर होते चले गए। जेसे



एंड्रॉयड 1.0 अल्फा

एंड्रॉयड 1.1 बीटा

एंड्रॉयड 1.5 कपकेक

एंड्रॉयड 1.6 डोनट

एंड्रॉयड 2.1 इलेयर

एंड्रॉयड 2.3 फ्रोयो

एंड्रॉयड 2.3 जिंजरब्रेड आदि बहुत सारे वर्जन लॉन्च हुई है। और अभी

एंड्रॉयड 12 चल रहा है।

इससे तकनीक में काफी विकास हुआ है। मशीनों के बिच कैनेक्शन काफी सरल हुआ है। वही अब इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर बेस टेली विजन और टेबलेट स्मार्ट वॉच तक आने लगी है।

     

IOS system 


IOS ऑपरेटिंग सिस्टम की बात करे तो यह केवल हमे एप्पल कंपनी के प्रोडक्ट जैसे आई फोन, आई पैड, स्मार्ट वॉचेस में देखने को मिलता। इसके फुल फ्रॉम की बात करे तो इंटरनेशन ओर्गनीजेशन फॉर स्टेनडेराइजजेशन कहते है। और आप सभी जानते ही होगे कि आज एप्पल कंपनी के प्रोडक्ट कितने ज्यादा पॉपुलर है। जो दाम में बहुत महगे है। पर फिर भी लोग आज इसके यूनिक कांसेप्ट और सुरक्षा व्यवस्था के लिए जाना जाता है। 




IOS ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास


स्टीव जॉब्स ने सबसे पहले iOS को साल 2007 में हमारे बिच इंटरदियूस किया। पर आगे चल कर  साल 2008 में एप्पल ने अपने इसऑपरेटिंग सिस्टम का नाम रिनेम कर इसे iphone OS रख दिया। वही बाद में इसे साल 2011 के आते एप्पल कंपनी ने फिर इसे रिनेम किया जहां पर अब इसे iOS कहा जाने लगा। इसे उस समय केवल सेल फ़ोन के लिए नहीं बल्कि दुसरे मोबाइल डिवाइस के लिय इस्तमाल किया जाने लगा। बाद में इसे आईफोन में उसे किया जाने लगा। 

इसके भी एंडोराइड की तरह काफी वर्जन आए।

Iphone OS 1.x

Iphone OS 2.x

Iphone OS 3.x

Iphone OS 3.x

iOS 4.x

iOS 5.x

iOS 6.x  और भी वर्जन लॉन्च हुई जो और भी बेहतर होते गए।



आईफोन पर आपको बस एप्पल कंपनी की तरफ़ से ऐप्स स्टोर देखने को मिलते है। इसमें आप कही और सेAAP’sको डाउनलोड नही कर सकते है। जबकि एंडोराइड में एसा नही हैं इसके आप थर्ड पार्टी आप डाउनलोड कर सकते है। iOS 6 ऑपरेटिंग सिस्टम में एप्पल कंपनी ने सिरी को लॉन्च किया।

आईफोन और एंड्रोराइड फ़ोन के बीच अंतर

1. iOS में यूजर के लिए क्लोज सिस्टम के रूप में जाना जाता है।

जबकि एंड्रो राइड सिस्टम काफी खुला है। यहां पर आप कही से भी AAP’sडाउनलोड कर सकते हैं

2. एप्पल कंपनी के फ़ोन में आज भी बैटरी काम ही मिलती है। जबकि एंड्रो राइड फ़ोन में अल्ट्रा हाई केपेसेटी बेट्री मिलती हैं। 

आशा है कि आपको यह जानकारी अच्छी लगीं होगी। इस ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद





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